6th
प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न - १ कवि ने किनकी और किस प्रकार की उदारता की बात की है ?
उत्तर - कवि ने गगन की वर्षा और खेतों की उदारता की बात कही है || कवि के अनुसार वर्षा ऋतू में होनेवाली बारीश बड़ी उदार थी यानी बारीश थमने का नाम न लेती थी | लेकिन अब वर्षा के
जाने से और जाड़े के आने से धरती के खेत बहुत उदार हो चुके हैं यानी अनाज उगाने की
उनमें अधिक से अधिक क्षमता दिखाई दे रही है |
प्रश्न - २ नवीन पौधों को किस बात का मान हुआ और क्यों ?
उत्तर - नवीन पौधों को अपने ऊपर की ओर उठने और हवा द्वारा गुलारे जाने का मान हुआ क्योंकि उन्हें लग रहा है कि उनकी वजह से धरती का श्रृंगार बढ़ गया है और इससे भी उनका मान
बढ़ गया है |
प्रश्न - ३ मलयानिल खेल रही छवि से पंखिनियों ने कल गान किए - पंक्ति के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है ?
उत्तर - मलयानिल खेल रही छवि से पंखिनियों ने कल गान किए - पंक्ति के माध्यम से कवि कहते
है कि वर्षा के जाने से जो धरती पर हरियाली बिखरी है उसकी शोभा देखते ही बन रही है |
ऐसी हरियाली की छवि पर से जब हवाएँ बहती हैं तब वे ऐसा आभास देती हैं कि मानों वे
साधारण हवाएँ ना होकर मलयानिल हों | बारीश के जाने से पंखधारी पक्षी चहक रहे हैं |
वर्षा की विदाई
कक्षा - कार्य
शब्दार्थ :
पावस - बरसात , वृष्टि
जाड़ा - सर्दी का मौसम
सहज - सरल, साधारण
आवरण - वस्त्र , लपेटन
उदार - दयालु
आवरण - वस्त्र , लपेटन
उदार - दयालु
प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न - १ कवि ने किनकी और किस प्रकार की उदारता की बात की है ?
उत्तर - कवि ने गगन की वर्षा और खेतों की उदारता की बात कही है || कवि के अनुसार वर्षा ऋतू में होनेवाली बारीश बड़ी उदार थी यानी बारीश थमने का नाम न लेती थी | लेकिन अब वर्षा के
जाने से और जाड़े के आने से धरती के खेत बहुत उदार हो चुके हैं यानी अनाज उगाने की
उनमें अधिक से अधिक क्षमता दिखाई दे रही है |
प्रश्न - २ नवीन पौधों को किस बात का मान हुआ और क्यों ?
उत्तर - नवीन पौधों को अपने ऊपर की ओर उठने और हवा द्वारा गुलारे जाने का मान हुआ क्योंकि उन्हें लग रहा है कि उनकी वजह से धरती का श्रृंगार बढ़ गया है और इससे भी उनका मान
बढ़ गया है |
प्रश्न - ३ मलयानिल खेल रही छवि से पंखिनियों ने कल गान किए - पंक्ति के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है ?
उत्तर - मलयानिल खेल रही छवि से पंखिनियों ने कल गान किए - पंक्ति के माध्यम से कवि कहते
है कि वर्षा के जाने से जो धरती पर हरियाली बिखरी है उसकी शोभा देखते ही बन रही है |
ऐसी हरियाली की छवि पर से जब हवाएँ बहती हैं तब वे ऐसा आभास देती हैं कि मानों वे
साधारण हवाएँ ना होकर मलयानिल हों | बारीश के जाने से पंखधारी पक्षी चहक रहे हैं |
गृह - कार्य
प्रश्न - १ यह कविता किस पर आधारित है ?
प्रश्न - २ सूरज की किरणों के मार्ग से कौन हट गए ?
प्रश्न - ३ मौसम ने निर्मलता का उपहार किन्हें दिया ?
लिंक :
कविता
वर्क बुक
भावार्थ
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