Friday, April 17, 2020

HINDI - UTHO DHARA KE AMAR SAPUTOAN (NOTES)


UTHO DHARA KE AMAR SAPUTOAN (NOTES)

** शब्दार्थ
    धारा  -  धरती , पृथ्वी
    आस  -   आशा
    सुमन  - पुष्प , फूल
    नूतन  - नया , नवीन
    उद्यान  -  बाग , उपवन
    पावन  -  पवित्र
    सपूत  -  पुत्र , बेटा
    मंगलमय  - कल्याण , खुश ,  सुखद

** प्रश्नों  के  उत्तर  लिखिए |

प्रश्न - १    कवि  ने  रक्षक और  पुजारी किसे  और  क्यों कहा  है ?

उत्तर  -   कवि  ने  देश  के  सपूतों /बालकों (हमें )  ही रक्षक और  पुजारी कहा  है क्योंकि उनके
              नुसार पूरा देश सरस्वती मंदिर है , जिसकी शुभ  विद्याएँ  ही  हमारी संपत्ति है  | इस
              संपत्ति   की  रक्षा  करना हमारा  कर्त्तव्य  है  जिस  कारण हम  देश के रक्षक  और
              पुजारी हैं   |

प्रश्न  - २  धरती के  सौंदर्य  का वर्णन कवि ने  किस  प्रकार  किया है  ?

उत्तर  -   कवि  ने धरती के सौंदर्य में  कहा  है  कि आज  भारत रूपी  उद्यान  की  हर-एक  कली
              खिल  रही  है और  सारे  फूल  मुस्करा  रहे  हैं  |  आज़ादी के  सूर्य  ने  सारी  धरती  को
              प्रकाशित  कर दिया है | ऐसा लगता है कि धरती माँ  का  शरीर सुनहरा  हो  गया  है |

प्रश्न - ३   इस  कविता  से  क्या  सीख  मिलती  है  ?
उत्तर   -  इस  कविता  की  मदद  से  देशभक्ति  और  नए कार्यों  को करने  की  भावना  का
              विकास कर  पाने  की सीख  मिलती  है | 


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